Shiv chaisa Secrets

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Shiv Chalisa is actually a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his assist in eliminating hardships and obstacles in devotee’s lifetime.

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

बृहस्पतिदेव की कथा

मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब more info के घटवासी॥

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